साॅइ एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी का नाम सुनकर भागे देवेंद्र
सीधी। साॅइ एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी एक ऐसा नाम है जिसे सुनकर लोग भाग खड़े होते हैं कुछ यही हाल हुआ है ग्राम पंचायत गाजर के सचिव देवेंद्र सिंह का जो यह नाम सुनकर लगता है कि दहशत में आ गए हैं, इसलिए भाग खड़े हुए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार साॅइ एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी नामक फर्जी फर्म से ग्राम पंचायत गाजर जनपद पंचायत कुसमी में वर्ष 2019-20 के दरमियान दो किस्तों में 127000 और 2 लाख 1120 रुपए कुल 328120 की खरीदारी की गई है। यह खरीदारी का भुगतान आईपीओ क्रमांक 2558028 दिनांक 26 जून 2019 को तथा कथित फॉर्म साइन एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी के बिल क्रमांक 204 और बिल क्रमांक 214 के लिए कुल 3 लाख 28120 रुपए का भुगतान किया गया है । यह बताने की जरूरत अब नहीं रही की इस तथा कथित झोलाछाप फर्म को सीधी निवासी जिवेन्द्र मिश्रा द्वारा अपनी पत्नी नम्रता मिश्रा के नाम से फर्जी ढंग से चलाया जा रहा था जहां फर्जी बिल काटने का काम किया जाता है। इस भुगतान के संबंध में जब हमने ग्राम पंचायत गाजर के सचिव देवेंद्र सिंह से उनके मोबाइल नंबर 8305233529 पर संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि-“आज मैं एक कार्यक्रम में हूं, कल इसके बारे में बता पाऊंगा।” इसके बाद में ऐसा गायब हुए कि आज तक उन्होंने फोन ही नहीं रिसीव किया। इसका सीधा अर्थ है कि यह समूची खरीददारी फर्जीवाडे में की गई है और अब उसकी जानकारी दे पाना देवेंद्र सिंह के बस की बात नहीं है इसलिए वह फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझते हैं। हालांकि यह बता दे की यह तथा कथित फर्म साॅइ एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी सीधी जिले में कहीं भी नहीं है यहां से सरपंच सचिव केवल का बिजी बल प्राप्त कर कागजी विकास किया करते हैं और सबसे बड़ी ताजी की बात तो यह है कि आदिवासी वोट बैंक के नाम पर आदिवासी जनप्रतिनिधि आदिवासियों के ही शोषण को मौन सहमति दे रहे हैं। बाहरहाल निर्णय साहब ही ले सकते हैं कि यह त्रुटि है या धोखाधड़ी।
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